Dear well wishers of Bihar,
Please read till end and reply!
Everyday we are getting new groups and forums where people just talk. Talking is good as you get lot of ideas from different minds. But These ideas should used on ground.
My question is that how we can take it up from here?
We are ready to merge our agenda with any committed organization who believe in us and help us in the execution of our plans.
During the Koshi calamity days while collecting relief funds we came up with idea to have a canal at Bihar Nepal border to end the misery.
We worked on this proposal in nights, on weekends and on holidays (apart from our job which pays our bills) and published on our website www.astroavinash.com which is down now but back up is available at below links.
http://temp.astroavinashcom.officelive.com/koshi.aspx
http://temp.astroavinashcom.officelive.com/nepalbordercanal.aspx
The support was encouraging and overwhelming.
8 or nine months later similar canal was proposed by the Govt. of Bihar which was covered in Dainik Hindustan (http://www.facebook.com/photo.php?fbid=448306249185&set=o.117926088238557).
This was a great success for us because we had published it at public site so that it gets noticed.
But we feel that we could have contacted by govt of Bihar and we could have provided more inputs which we continue to do through out sites for example we proposed that with strong will canal excavation may be started by state govt on their own.
No worries though. Our countless freedom fighters did not die expecting people with remember them. We want canal not credit.
Govt sent the proposal and no mention of that afterwords. But for us it is our dream and hope! We have started signature compaign in support.
http://revive-bihar.blogspot.com/2011/02/signature-compaign-for-356-km-long.html
Please feel free to forward this message!
Regards,
Amitabh
Bihar Revival Forum
Canal on Bihar-Nepal border will control flood, produce electricity & revive agriculture and industry!
Sunday, March 27, 2011
Sunday, March 20, 2011
बिहार दिवस और आप
बिहार के पुनर्निर्माण में हर बिहारी की भागीदारी आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है. आप भी सादर आमंत्रित हैं. आप बहुत कुछ कर सकते हैं. छोटी छोटी बातों से शुरुवात कर सकते हैं. जैसे कि, सार्वजनिक स्थलों एवं सम्पतियों का ख्याल रखें. सफाई का ख्याल रखें, यहाँ वहां कचरा, कागज, पन्नी इत्यादि न फेकें. पान खाकर, गुटखा खाकर सरेआम थूकना बंद कर दें. खुलेआम पेशाब और शौच न करें. सार्वजनिक शौचालय के उपयोग के पश्चात फ्लस करे, पानी डाले. सबकी इज्ज़त करे, दबंगई न करे, छोटी छोटी बातों को इज्ज़त की बात मान हाथापाई और गली गलौज न करें, उत्तेजित न होवें, जाने दें. टिकट लेने के लिए, आवेदन करने के लिए, हर जगह पंक्ति में लगे. यात्रा करते वक़्त सहयात्रियों के सुविधा का ख्याल रखे. ऊँची आवाज में संगीत न सुने, मोबाइल पर बात करते वक़्त आस पास के लोगो के सुविधा का ख्याल रखें. गाड़ी चलाते वक़्त अनुशासित व्यवहार करें, पैदल यात्रियों को सड़क पार करने का अवसर दें. ऐसी अनेक छोटी छोटी बातें हैं.
बिहार से बाहर आकर यदि हम ये कर सकते हैं तो बिहार में रहते हुए क्यों नहीं? थोड़ी तकलीफ होगी पर त्याग तो करना पड़ेगा, प्रयत्न तो करना ही होगा. बदलाव चाहिए तो करना ही पड़ेगा, अपने लिए, अपने अपनों के लिए, अपने बच्चों के लिए.
ये छोटी छोटी बातें एक गौरवशाली और समृद्ध बिहार के लिए नींव का काम करेंगी.
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को एक महत्वकांक्षी नहर के निर्माण की योजना का प्रस्ताव भेजा है. ये नहर बाढ़ से रक्षा करेगी, पनबिजली संयंत्र से अपार विद्युत् पैदा करेगी. बिहार में कृषि एवं औद्योगिक क्रांति लाएगी. ये नहर कही राज्य और केंद्र की राजनीति का सिर्फ मुद्दा न बनकर रह जाये इसलिए नहर निर्माण के मुहीम से जुड़े.
मै चीखू-चिल्लाऊ करू विनती हजार !
अकेले मरी आवाज को सुने कौन सरकार?
दस लाख हम जब मिले और करे पुकार!
कैसे न सुनेगी बहरी से बहरी सरकार!!
बिहार दिवस के अवसर पर प्रण लें, प्रयत्न करते रहे, औरो को भी प्रेरित करें.
बिहार से बाहर आकर यदि हम ये कर सकते हैं तो बिहार में रहते हुए क्यों नहीं? थोड़ी तकलीफ होगी पर त्याग तो करना पड़ेगा, प्रयत्न तो करना ही होगा. बदलाव चाहिए तो करना ही पड़ेगा, अपने लिए, अपने अपनों के लिए, अपने बच्चों के लिए.
ये छोटी छोटी बातें एक गौरवशाली और समृद्ध बिहार के लिए नींव का काम करेंगी.
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को एक महत्वकांक्षी नहर के निर्माण की योजना का प्रस्ताव भेजा है. ये नहर बाढ़ से रक्षा करेगी, पनबिजली संयंत्र से अपार विद्युत् पैदा करेगी. बिहार में कृषि एवं औद्योगिक क्रांति लाएगी. ये नहर कही राज्य और केंद्र की राजनीति का सिर्फ मुद्दा न बनकर रह जाये इसलिए नहर निर्माण के मुहीम से जुड़े.
मै चीखू-चिल्लाऊ करू विनती हजार !
अकेले मरी आवाज को सुने कौन सरकार?
दस लाख हम जब मिले और करे पुकार!
कैसे न सुनेगी बहरी से बहरी सरकार!!
बिहार दिवस के अवसर पर प्रण लें, प्रयत्न करते रहे, औरो को भी प्रेरित करें.
Subscribe to:
Posts (Atom)