Saturday, October 22, 2011

An open letter to the CM of Bihar for construction of 358 km long canal at Bihar Nepal Border

महाशय,

मैं बिहार रिभायवल फोरम का प्रतिनिधित्व करता हूँ जो कि एक ऑनलाइन फोरम हैं जिसमे देश विदेश में बसे देसी लोग सपनों के बिहार को बनाने के लिए प्रयासरत हैं. २००८ में जब बिहार कोशी के प्रकोप से त्रस्त था. लाखो लोग बेघर हो चुके थे. हम राहत एवं पुनार्निर्वास कार्य में तन मन धन से निःस्वार्थ भाव से लगे थे. जैसे ही ये हादसा हुआ, हमने देश-विदेश में बैठे अपने मित्रों को बाढ़ राहत कोष में योगदान के लिए प्रेरित करना शुरू किया. विदित हो कि कारपोरेट जगत में राहत कार्यो के लिए दान एकत्र करने एवं अन्य सामाजिक कार्यो का प्रावधान होता है. मित्रो ने अपने कार्यालय के उचित विभाग से संपर्क करने को कहा जिनके प्रयासों के फलस्वरूप कई कंपनियों में कार्यालय स्तर पर लाखो रूपये एकत्र कर प्रधान मंत्री राहत कोष में भेजे गए. वही दूसरी तरफ हमने वस्त्र, खाद्य पदार्थ, कम्बल इत्यादि एकत्र कर पीड़ितों को बांटे. ऐसा महीनो तक चलता रहा. लोगों की पीड़ा हमारी रातों की नींद उड़ा रही थी. हमने इस समस्या पर भीषण अध्यन किया और पाया कि नेपाल से आने वाली ६ प्रमुख नदियाँ बूढी गंडक, गंडक, बागमती, कमला, कोशी एवं महानंदा वर्षों से बिहार में तबाही फैलाती रही हैं. नेपाल सरकार से समाधान के लिए हो रही वार्ताओं का परिणाम शुन्य रहा है. हमने विचार किया कि क्यों न एक नहर बनाया जाये, नेपाल की सीमा के सामानांतर, किन्तु बिहार की भूमि पर जिसके लिए हम नेपाल पर आश्रित नहीं होंगे. अभियंता मित्रो ने इस विचार को एक तस्वीर के शक्ल में चित्रित किया. ये ध्यान रखा गया की एक ऐसा नहर हो जो कोशी जैसी त्रासदी के पुनरावृति की स्तिथि में सारा जल अपनी गर्भ में समां ले. नतीजा निकला एक ३५६ किलोमीटर लम्बी नहर (बिहार-नेपाल के सीमा की लम्बाई के बराबर), जो बिहार को नेपाल जनित नदियों के बाढ़ प्रकोप से बचाएगी एवं पनबिजली उत्पादन यंत्रों से प्रचुर मात्रा में बिजली उत्पादित करेगी. इस तरह बिहार में कृषि एवं उद्योग के क्षेत्र में क्रांति होगी. लाखों लोगो को रोजगार मिलेगा, नहर बिहार-नेपाल सीमा को सील कर राष्ट्र की सुरक्षा बढ़ाएगी. कंप्यूटर अभियंता मित्रों ने वेबसाइट बनाकर नहर प्रस्ताव को अपलोड कर दिया. अपलोड करने के बाद ईमेल के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया गया. मीडिया, राहुल गाँधी, अडवाणी, कलाम जैसे महानुभावों को सन्देश भेजे गए.

दिसम्बर २००९ में हिंदुस्तान दैनिक में छपा कि बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को एक नहर का प्रस्ताव भेजा है जो नेपाल से आने वाली नदियों को गंगा के सामानांतर में जोड़ेगी. हमने पाया कि ये प्रस्ताव हमारे प्रस्ताव से काफी हद तक मिलता-जुलता है. किन्तु हमें कोई आपत्ति नहीं है क्योकिं हमने नहर का प्रस्ताव इसीलिए इन्टरनेट पर डाला था कि सरकार के कानों तक बात पहुचे. हालाँकि एक शिकन हमेशा रही कि यदि सरकार ने संपर्क किया होता तो बहुत सारे दुसरे पहलु भी उपलब्ध कराते. केंद्र को भेजे प्रस्ताव के अनुसार प्रोजेक्ट के डी पी आर के लिए ६०० करोड़ की लागत का अनुमान है और पुरे प्रोजेक्ट के लिए ६०००० करोड़ का. हमारा मानना है कि बिहार सरकार ने जो भारी भरकम प्रस्ताव भेजा है उसमे दृढसंकल्प कम दीखता है. राज्य सरकार इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज भले भूल चुकी हो किन्तु हम अभी भी इन्टरनेट और जन संपर्क के माध्यम से नहर के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान में लगे है. करीब डेढ़ हजार लोग अबतक इस अभियान से इन्टरनेट पर जुड़ चुके हैं. इक्षुक गण http://revive-bihar.blogspot.com और फेसबुक पर बिहार रिभायवल फोरम ग्रुप में नामांकन कर इस मुहीम में शामिल हो सकते हैं.

हम नहर के स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और बिहार सरकार को पूरा सहयोग देने को तैयार हैं. हमने गूगल मैप के माध्यम से नेपाल की सीमा का अध्यन किया और पाया की कठोर इक्षाशक्ति हो तो ६०० करोड़ में पूरा का पूरा नहर खुदवाया जा सकता है. बिहार राज्य पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के एक रिपोर्ट के अनुसार १ हेक्टेयेर x २ मीटर क्षेत्र कि खुदाई कि लागत डेढ़ लाख रूपये हैं. यदि हमें ४०० किलोमीटर लम्बी, १ किलोमीटर चौड़ी एवं २ मीटर गहरी नहर खोदनी हो तो कुल क्षेत्र होगा ४०००० हेक्टयेर और १.५ लाख प्रति हेक्टयेर के दर से कुल खर्च आएगा ६०० करोड़ रूपये. इस खुदाई में हजारों गरीब लोगो को रोजगार मिलेगा. पारिश्रमिक के भुगतान के लिए नरेगा योजना का इस्तेमाल किया जा सकता है. केंद्र सरकार के भरोसे हाथ पर हाथ धरें रहने से कही अच्छा हैं कि राज्य सरकार इस दिशा में यथासंभव प्रयास शीघ्रातिशीघ्र शुरू करे. हमारे संसद लोकसभा एवं राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते रहें और हम हस्ताक्षर अभियान एवं जनाग्रह के माध्यम से और मीडिया के सहयोग से केंद्र का ध्यान खींचे. नवबिहार के निर्माण में प्रत्येक निवासी कि भागीदारी अनिवार्य है और मैं सभो लोगो से सहयोग का आह्वान करता हूँ.

बिहार नेपाल सीमा पर
नहर की है दरकार!
हुए साठ साल आजादी के
और कितना इन्तजार?
बाढ़ पे हो पाबन्दी
और बिजली की बहार!
नहर लाए समृधि
हो सपने साकार !!

मै चीखू-चिल्लाऊ
करू विनती हजार !
अकेले मरी आवाज को
सुने कौन सरकार?
दस लाख हम जब मिले
और करे पुकार!
कैसे न सुनेगी
बहरी से बहरी सरकार!!

Blog:http://revive-bihar.blogspot.com
FaceBook:http://www.facebook.com/group.php?gid=117926088238557&v=info
Cause: http://www.causes.com/causes/584731-signature-compaign-for-356-km-long-canal-in-bihar-at-nepal-border

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Dear Madam/Sir,

We represent Bihar Revival Forum which is an online forum with objective to achieve the dream of developed and prosperous Bihar. BRF was founded in 2008 during Koshi calamity by us when we volunteered to visit the affected areas and involved in rehabilitation work. Friends working in corporate world to contacted relevant authorities to collect donation for the purpose. We persuaded the relevant authorities to take initiative and significant amount of money was collected at office level and sent to Prime Minister Relief Fund. Apart from that we also collected clothes, blankets, food etc and distributed there.
Later we started to discuss about the recurring floods caused by the six rivers (Burhi Gandak, Gandak, Bagmati, Kamla, Koshi and Mahananda) originating from Nepal and spreading havoc. The initiatives taken by Government so far failed to solve the problem because the solution proposed required involvement of Nepal. So we came up with a proposal to construct a 356 km long canal in Bihar, parallel to Nepal border. As this will be in Bihar we will not have to rely on Nepal. This canal links the entire six rivers and in case of another koshi breach can store water for more than two days. The canal will resolve the flood problem. By setting up hydro-electricity power plants abundant electricity can be generated. This will trigger agricultural and industrial revolution. The canal will seal the border and limit the illegal activities. We published the canal proposal in beginning of 2009 on our website and started to spread it through emails. We sent email to media, Kalam, Rahul Gandhi, Advani etc but we did not get any response.

In December 2009 Dainik Hindustan reported that a canal has been sent by State Government to Central Government for approval which is quite similar to our proposal. But we do not have any grievance as we put the proposal on public website to bring it to the notice of the Government. But little disappointment was there because if we have been contacted we could have given many valuable inputs additionally. As per the Government proposal the estimated cost for preparation of Detailed Project Report is 600 Crores and for the complete project is 60000 Crores. We believe that the big bang project proposal sent shows least commitment. State government might have forgotten the project after sending the proposal but not us. We have been campaigning for the canal continuously and also we have started a signature campaign using online cause. Till now about 1500 person have registered to the cause and our cause was also covered in Dainik Hindustan.

We are committed to fulfill the dream of canal and ready to cooperate with the government by all means. We have reviewed and analyzed the border through Google map and we believe that with strong will the canal itself can be excavated at the cost of 600 Crores. As per the Bihar State Animal and Fisheries Resource department the cost of excavation of an area 1 hectare x 2 m is 1.5 lakhs. So if we excavate a canal of 400 km in length, 1 km in breadth and 2m in depth the area will be 4000 hectares and the cost will be 600 crore. MNAREGA can be utilized for the project and this will employ thousands of workers immediately. This canal will form a solid foundation for our dream Bihar and to make is possible we must not leave any stone unturned. We request the State Government that instead of waiting for Central Government's response they should take their own initiative as soon as possible. We pray to our MPs to give up the politics of party, cast and opportunity and raise this issue united in the parliament. And BRF will continue its campaign and make it more intense. To achieve such a mammoth dream, contribution by each individual is mandatory to I urge everyone to support us by signing the Signature Campaign available on internet.

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Tuesday, October 18, 2011

विकास दर एक छलावा

फिर से जोरो कि चर्चा है कि बिहार का विकास दर २०११ में भी पहले स्थान पर है. सुनने में अच्छा लगता है

किन्तु यदि गौर से देखे तो ये आंशिक सत्य है. यदि आप रिपोर्ट को ध्यान से देखे तो आप पाएंगे कि:
१. बिहार का योगदान भारत के सकल घरेलु उत्पाद का मात्र २.९१% ही है.
२. १४२०३१ करोड़ के उत्पादन के साथ बिहार १४वें स्थान पर है.
३. चंडीगढ़ का दर १४.७७% जो बिहार से ज्यादा है. उसके पीछे दो वर्ष में सिक्किम का दर बिहार से ज्यादा था और उससे पहले के वर्षों में भी बिहार पहले स्थान पर नहीं था.


मैं हमेशा से लिखता आया हूँ कि कृपया विकास दर पर न जाएँ. यह छलावा हो सकता है. उदहारण के लिए यदि सकल घरेलु उत्पाद १०० से बढ़कर ११२ हो जाये तो विकास दर १२% हो ही जायेगा. और यदि सकल घरेलु उत्पाद १००० से बढ़कर १०१२ हो तो विकास दर होगा १.२%.

इस सन्दर्भ में जानने कि कोशिश करते हैं भारत के शीर्ष कॉलेज के रैंकिंग के प्रक्रिया के बारे में. इस प्रक्रिया में स्थान या क्रम के निर्धारण के लिए दर्जनों पहलुओ पर अंक दिए जाते हैं. इसमें कुछ पहलु प्राथमिक होते हैं और कुछ दुसरे दर्जे के. भारत में एक मैनेजमेंट कॉलेज ऐसा भी है जिसके संचालक अथवा महानायक एक स्वप्रचारित बुद्धिजीवी हैं. साफ़ नाम नहीं लिखूंगा क्योंकि जो उनके खिलाफ लिखता है वो उसपे मानहानि का मुक़दमा ठोक देते हैं. उनका विज्ञापन आता है अनेक प्रचलित समाचार पत्र, पत्रिका, चैनल इत्यादि में जो हर वर्ष कॉलेज को आई आई ऍम और एक्स एल आर आई से भी आगे बताता है. यदि आप गौर से विज्ञापन से देखे तो पाएंगे कि कॉलेज किसी दुसरे दर्जे के पहलु में शीर्ष पर है. आप पाएंगे कि जो मीडिया ये रैंकिंग का सर्वे करता है उन्हें इस कॉलेज से बड़े बड़े विज्ञापन मिलते हैं. तात्पर्य है कि कॉलेज, मीडिया को विज्ञापन देकर वो शीर्ष स्थान खरीद लेता है. बिहार में ऐसा ही हो रहा है.

पिछले पोस्ट में मैंने लिखा था "एक समय था जब बिहार की स्तिथि बद से बदतर होते होते सोमालिया जैसी हो चुकी थी. लोगो ने नितीश को चुना. बिहार की गाड़ी चल पड़ी. हर तरफ विकास दिखने लगा. अगले चुनाव ने नितीश ने आह्वान किया 'निर्माण या विध्वंश, आपके हाथ में है'. जनता ने सर्वमत से निर्माण को चुना. विकास यात्रा जारी है. राज्य सरकार के आंकड़े कम से कम येही बताते हैं. इन्टरनेट, टेलीविजन छोड़िये, पटना के मुख्य मार्ग से उतर कर देखिये, सरकारी कार्यालयों में बिना किसी पैरवी के जा के देखिये, गावं जा कर देखिये. बाढ़, बिजली, भ्रष्ट्राचार जैसी पुरातन समस्याओं की स्तिथि यथावत है. बिहार के साईट पर इकोनोमिक सर्वे रिपोर्ट पढ़िये. लिखा है "If we consider per capita estimates of GDDP, we find that Patna (Rs. 37,737), Munger (Rs. 12,370) and Begusarai (Rs. 10,409) are the most economically prosperous districts of Bihar. On the other end of the ranking, the three most economically underdeveloped districts are Jamui (Rs. 5516), Araria (Rs. 5245) and Sheohar (Rs. 4398)." प्रश्न ये है कि ५०० रूपये प्रति माह घर चलाने के लिए काफी है? ये आधी आबादी का सच है."

जो दीखता है वो होता नहीं. लोगो से अनुरोध है कि आँख मूंद कर विश्वास न कीजिये, बल्कि आत्ममंथन कीजिये. समृद्ध बिहार का स्वप्न आपका भी है और मेरा भी. अपने गावं में पूछिए, गावं का स्कूल कब शुरू था, स्कूल में कितने कमरे हैं और कितने बच्चे. शिक्षा कैसी हो रही है. चिकित्सा का क्या हाल है? बाढ़ का क्या हाल है? आप जानने की कोशिश कीजिये रोजगार, खेती का क्या हाल है? शहरों में अपने दोस्तों से पूछे उनके आस पास सड़क, नाले की क्या स्तिथि है, सड़क के लाइट काम कर रहे या नहीं. कानून व्यस्था एवं मुख्या सड़के अवस्य एक उपलब्धि है इसी लिए कहता हूँ, नीतीशजी से बेहतर विकल्प नहीं है अभी. लोगो से अनुरोध है कि आँख मूंद कर संतुष्ट होने के बजाये मुद्दों को याद दिलाते रहिये. यदि हम चौकस नहीं रहे तो कब पंद्रह वर्ष और बीत जायेंगे पता भी नहीं चलेगा और स्तिथि वही की वही रह जाएगी. हमारे बच्चों को भी वही भोगना पड़ेगा जो हमारी गत है. बिहार सरकार को हमारी शुभकामनाएं और अनुरोध कि समृद्ध बिहार का सपना कोसो दूर है, ढोल पीटने से ज्यादा आवश्यक है वास्तविक कार्य!

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Comments from facebook group https://www.facebook.com/groups/bihar:
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Amitabh Jha:
Is Bihar's claim for best GDP growth rate is real? If you see the original report you will find, Bihar is second (after Chandigarh). In previous two years also it was not first, as claimed by Deputy CM. Too much bragging can be sucidal. Read full story at http://revive-bihar.blogspot.com/2011/10/blog-post.html
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjsEyHivTNJ7n01QW2_njMYnZCBSqi3P8tn__hMHcqFen6QYQoPEi7AFekkik_UJhpgH_Zgg33d4Ly3-0HGSEuLSMkY67khTXnidZ-IY_ZV20PrdWGslClSHGlg428yVzv8Qw-aHwaC0L0/s1600/IndiaStateWiseGDP201
‎4.bp.blogspot.com..
LikeUnlike · ·Unfollow PostFollow Post · Share · Wednesday at 10:24pm.Manoj Kumar, Himanshu B. Pandey and 3 others like this..

Vijay Shanker:
Amitabh Jha jee, panic hone ki koi baat nahi hai.. Bihar aur chandigarh ke % growth me koi jyada fark nahi hai. Agar hum first nahi second hi hai to kya huaa? 14% growth apne aap me bahut badi baat hai jab recession and inflation joro par hai to. Wiase Bihar ki earning (142031 Crore) Chnadigarh (15754 Crore) se jyada hai 2010-2011 me. Mai waise economics jyada nahi janta. Agar mujhe samjhane me kuchh lagati huyi hogi to sudhar karne ka kashht jarenge aap.
Wednesday at 11:21pm · LikeUnlike · 4 peopleLoading....

Madhav Srimohan:
Bihar is a 'state' with highest growth. Here we have a govt. which rules everything. Here we have taxes of various kind. Chandigarh doesn't have these at least.
Yesterday at 4:46am · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Rajesh Kumar:
chandigarh is a union territory whereas bihar is a state.. both have different structures... so we should not compare them.. we must compare among states and there bihar is at the top.!!!
Yesterday at 7:11am · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Rahul Kumar: amitabh ji u missed one word in ur first line the word "state" and the claim made by deputy CM is for state. look like u r deliberately trying to defame Bihar.
Yesterday at 7:34am · LikeUnlike · 2 peopleLoading....

Amitabh Jha:
If you read the blog post you find that I have insisted on GDP rather than illusive gdp rate. Actual GDP matters, not the rate. There we stand still on 14th place. Our contribution is 2.91% of India's GDP. Claiming to be on top based of GDP rate is propaganda to fool people. It something like out of team score of 487 you score 14 and topper scores 77 and your place is 14th. Now you say that last year I scored 12 and topper 70 so your improvement rate is 14% and topper rate is 10%. So you are topper. Of course your are that way, but is that real? Chandigarh is a UT indeed but if you account area and resources. What about Last two years? Sikkim is state, so DCM's claim is false. But again we can comeup with anotherset of funny parameters to support his claim. On humour note if DCM claims on the basis of gdp rae then he should be thankful to previous regime who set the gdp so low that we are getting higher gdp rate.
Yesterday at 8:38am · LikeUnlike.Rajesh Kumar of course since our gcd is very poor hence the growth rate is high.. but rather than being critical we must be encouraging govt for taking it to higher level at a fast rate... imagine if the rate of growth is also very poor we can't stand any where in years to come...so plz do not discourage people if u can't encourage them.. hope u get it.
Yesterday at 8:45am · LikeUnlike · 2 peopleLoading....


धनंजय कुमार:
असंतोष जताना और सामने वाले की खामखाह आलोचना करना, ज्यादातर लोगों की आदत बन गई है. बिहार के सन्दर्भ में यह खूब देखा जा सकता है. बिहार में हो रहा बदलाव, बदलाव-विकास के आंकड़े सब झूठे, मैनीपुलेटेड और बढ़ा-चढ़ाकर, पत्रकारों को खिला-पिलाकर लिखवाए गए लगते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार में सबकुछ अभी ठीक नहीं हो गया है. अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है. बहुत से लोगों को प्रशासनिक स्तर की शिकायत है कि घुसखोरी सरकारी दफ्तरों में बढ़ गई है....लेकिन इस आधार पर विकास का सही आकलन नहीं किया जा सकता...आपकी शिकायत प्रशासन से जुडी है, मगर विकास का संबन्ध शासन से है. कृपया घालमेल न करें...व्यवस्था को पारदर्शी बनाना जनतंत्र में सरकार की बाध्यता है, सेवा में कमी के लिए जनता संबन्धित विभाग अथवा कर्मचारी से सीधे निबट सकती है. नीतीश जी ने व्यवस्था में कई बदलाव कर प्रशासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के कई प्रयास किए हैं. सेवा का अधिकार का कानून बनाना (राइट टू सर्विस एक्ट), इसी दिशा में सुधार लाने का प्रयास है. अब कुछ काम जनता को भी करना होगा. सारी जिम्मेदारी सरकार पर नहीं डाल सकते. ग्राम कचहरी को मजबूत करने की दिशा में भी नीतीश जी ने कई ठोस व्यवस्था लागू की है- न्याय मित्र के पद का सृजन और सरपंच को छोटे-मोटे झगड़ों को निबटाने का अधिकार देना भी उसी दिशा की एक जनतांत्रिक व्यवस्था है.
पूरी तरह से ध्वस्त हुई व्यवस्था को फिर से खड़ा करना, वह भी उन्हीं अफसरों और उसी सोच की जनता के साथ मज़ाक नहीं है. अपराध से लेकर अस्पताल तक में बदलाव आया है. सड़कों की स्थिति बदली है.
और सबसे बड़ी बात है सरकार के मुखिया की नीयत का फर्क. नीतीश जी विकास करने की मंशा से काम कर रहे हैं, बिहार की जनता को अच्छा शासन-प्रशासन मिले इस दिशा में लगातार पहल कर रहे हैं. यह अपने आप में बदलाव का सबूत है. बिजली का अभाव सिर्फ बिहार सरकार के दम पर समाप्त नहीं किया जा सकता. केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली और बिहार के प्रति उपेक्षा भाव से नीतीश जी अच्छी तरह परिचित हैं, इसलिए इंडस्ट्री के बजाय वह खेती पर फोकस कर रहे हैं. लेकिन खेती करने का काम अफसर नहीं कर सकते, यह किसानों को ही करना होगा. जबकि बिहार के लोगों, खासकर युवाओं में खेती के प्रति कैसी और कितनी दिलचस्पी है,यह बताने की ज़रूरत नहीं कि हर कोई ऑफिस में एसी का मज़ा लेते हुए जीवन गुजारना चाहता है, जबकि खेती का काम कड़ी धूप और कड़कती ठंढ में ही संभव है. आप कह सकते हैं खेती जिस दिन कारोबार बन जाएगी, लोग खेती करने लगेंगे. मगर कहना आसान है, इसके लिए सिर्फ सरकार के प्रयास से काम नहीं चलेगा, बिहार के युवाओं को भी नई दृष्टि के साथ खेती से जुड़ना होगा. बिहार सरकार ने अपराध पर नियंत्रण कर बिहार की प्रतिभाओं को रोकने का जो काम किया है, वह कम बड़ा काम नहीं है. आनेवाले पाँच-सात वर्षों में इसका सकारात्मक असर दिखेगा.
बिहार के पुनर्निर्माण को लेकर 2003 में मुम्बई में गठित संस्था ‘ आँगन सोशिओ कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन’ इस नवम्बर से गाँव को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन के साथ बिहार आ रही है, यह भी बिहार के बदल रहे परिदृष्य का ही द्योतक है. आँगन ने इसके लिए नालन्दा ज़िले के बिन्द गाँव को चुना है. किसी को देखना हो तो वह अगले साल जनवरी में वह बिन्द आ सकते हैं. उनका स्वागत है. दोस्तों सिर्फ शिकायत करने कहीं बदलाव नहीं आता, हमें भी अच्छी नीयत के साथ काम करना होगा.
Yesterday at 8:53am · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Rajesh Kumar:
‎Amitabh Jha and on ur insistence i went through the chart... u r contradicting ur point itself... look at the gdp of sikkim(3642) its almost 2% of bihar (142031)... why r u so happy in showing their growth rate??? in fact ucan look at the gdp of chndigrh (15754) its 10% of the gdp of bihar... so better keep ur facts straight first... look lite u r thankful to the previous govt for what they did to bihar...!!
Yesterday at 8:54am · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

धनंजय कुमार:
actually he needs laluraj...
Yesterday at 9:59am · LikeUnlike.

Vijay Shanker: ‎
Amitabh Jha, we do understand the logic and maths what u have given in ur second comment. But the reality and truth are - Bihar`s growth is in better situation than Lalu/Rabri Raj. No one is making people fool. You, I and many understand those things. For me it is not important that Bihar should have highest growth rate. But main thing is - we are improving and we should keep the pace plus we should accelerate the pace. In every sector, this happens, that data which gives better look and importance is promoted. What do you think - companies, other countries do not do that? There are different ways of expression of findings and people chose the best suitable one. If DCM says we have highest, GDP among all states, that's fine. If you are not satisfied with the Govt performances, then why do not you try to improve the system by giving proper suggestion along with criticism?
Yesterday at 12:26pm · LikeUnlike · 3 peopleLoading....Kishori Prasad Mr.Amitabh Jha ,May be your figures are correct but if you see it shows progress and you never underestimate your bihar we definitely achieve the golden era kyunki ant hi nai surubat ki kiran hai and present govt taking bihar in right direction.
Yesterday at 1:51pm · LikeUnlike · 2 peopleLoading....

Sumeet Jha:
Amitabh Jhaji......It took 33 years for China post economic liberalisation of there country to become world's second largest economy in terms of nominal value of GDP and not on the Purchasing Power parity basis.I agree to it that Bihar's share to national GDP is around 3% but there are some clauses attach to it.If Bihar has grown in Nitish Kumar's tenure with a small economic base that doesn't mean other states economic growth is at standstill.So the other state's contribution to National GDP is nullifying Bihar's economic growth and it's share to National GDP.The simple mathematics is if other states stop growing in economic size then definetly Bihar's contribution to National GDP share would had been increased at much more faster rate.
Yesterday at 5:18pm · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Ashutosh Srivastava: CHANDIGARH IS A UNION TERRITORY NOT A STATE, SIR.
Yesterday at 5:58pm · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Amitabh Jha:
Thanks all for your kind comments. In these posts I have tried to make a point that Growth rate is an illusion by quoting facts and logic. If you agree with that it is fine otherwise we are free to have different opinions. Any conclusion, bragging or self-complacency on the basis of growth rate should be avoided.
I do try to write constructive suggestions as well in addition to crtiticism and formed an online group called Bihar Revival Forum http://revive-bihar.blogspot.com/2011/02/signature-compaign-for-356-km-long.html ."A Common Dream A Prosperous Bihar": Signature campaign for 356 km long canal in Bihar at Nepal

Amitabh Jha:
BRF's brain child Canal proposal (a 356 km long canal which will control floods and hydroplants will generate abundant electicity) has been sent by govt of Bihar to central for approval in 2009 https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiniEbyUoWL2LWzLCqwkEFpjWwgAH7q-qIsOXljFKwfb_3hx3IjQhdjgyh7h5JrdYuZgsDaHbNomRg8PCZuMrUUoT8ak0NIcYRRP1uGtmusKMSVXJwwsO8OcdJmW6o262IwhPzzlUbI-Xg/s1600/CanalProposalByBiharGovt.jpg .https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiniEbyUoWL2LWzLCqwkEFpjWwgAH7q-qIsOXljFKwfb_3hx3IjQhdjgyh7h5JrdYuZgsDaHbNomRg8PCZuMrUUoT8ak0NIcYRRP1uGtmusKMSVXJwwsO8OcdJmW6o262IwhPzzlUbI-Xg/s1600/CanalProposalByBihar
‎2.bp.blogspot.com..Yesterday at 8:37pm · LikeUnlike · 1 personLoading... · .

Amitabh Jha:
Bihar govt might have forgot the issue after that but we are still running a cause in support of this canal which was also covered in Hindustan https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRTqh7jTgAg4GlvR4PsKprHpS7xN33UnTgcsUrZ0EIzWo3D4RhbFMV_dSMhTX18vIxf1MpvC15O4MZJcQ_m2jWbfkrWz66M1tOHQsxJRviejbSxzNjC2eX039yM98j2TUjL48npVA5Owk/s1600/269859_10150356371249186_802479185_9925663_7376395_n.jpg .https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRTqh7jTgAg4GlvR4PsKprHpS7xN33UnTgcsUrZ0EIzWo3D4RhbFMV_dSMhTX18vIxf1MpvC15O4MZJcQ_m2jWbfkrWz66M1tOHQsxJRviejbSxzNjC2eX039yM98j2TUjL48npVA5Owk/s1600/269859_1015035637124
‎4.bp.blogspot.com..Yesterday at 8:37pm · LikeUnlike · 1 personLoading... · .

Amitabh Jha: We proposed that instead of waiting for central's approval govt can take own initiatives to dig the canal which was covered in Times of India, Patna https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2AGbHSup0rMOm_4sf3ju-YLcG4oLGX7-vuvunXMmNWleUS90SEMfAVHrfwl29VSN0qG9Do2_Ng5xKnPJVivfKRxTgBZxMU6ooBBDp7Z1fwkpMBlB4iIlAIm9_ilohOuSj1zLc7Q2H2Ro/s1600/IMG_8891.JPG .https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2AGbHSup0rMOm_4sf3ju-YLcG4oLGX7-vuvunXMmNWleUS90SEMfAVHrfwl29VSN0qG9Do2_Ng5xKnPJVivfKRxTgBZxMU6ooBBDp7Z1fwkpMBlB4iIlAIm9_ilohOuSj1zLc7Q2H2Ro/s1600/IMG_8891.JPG
‎2.bp.blogspot.com..Yesterday at 8:38pm · LikeUnlike · 1 personLoading... · .

Amitabh Jha: I have started a forum WorkInBihar to connect people who are willing to relocate. Bihar govt took 7 long years to just finalise the IT Policy which is a shame. We need to work swift to tap this opportunity to attract IT investors. I have been writing about how Bihar can be next IT hub and here is detailed analysis http://revive-bihar.blogspot.com/2011/04/why-companies-will-come-to-bihar.html ."A Common Dream A Prosperous Bihar": Why companies will come to Bihar?

Amitabh Jha:
In my posts I have apprecited government's initiatives and results where I felt it deserved. But I am not satisfied with the pace and many results. We should try to keep our eyes and mind open. Good deeds should be appreciated and shortcomings should be pointed out too. The good thing is that we are connected through a common dream for a prosperous Bihar http://amitabh-jha.blogspot.com/2011/01/blog-post_05.html .Amitabh Jha's Blog: परिचय/Introduction
amitabh-jha.blogspot.com..Yesterday at 8:41pm · LikeUnlike · 1 personLoading... · .

Amitabh Jha:
I wish eveyone all the best and hope that we could see dream Bihar in ous lives! Keep dreaming, keep fighting with open minds! Please join the cause http://www.causes.com/causes/584731-signature-compaign-for-356-km-long-canal-in-bihar-at-nepal-border .
Yesterday at 8:43pm · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Sumeet Jha:
Amitabh Jha ji...Your criticisms are welcomed but not well solicited,what you have posted is an lopsided economic analysis.The comparison of Bihar with any other state of this country at this juncture is not relative.Before drawing some inferences in respect of economic comparison i.e. in terms of GDP size one needs to do some permutations and combinations Bihar V/s other states.Even you know "Rome was not built in a day",other states of this country have already built up there economic base and Bihar is still in the takeoff stage of economic cycle.The developed states of this country have already well established economic engine such Hyderabad to A.P,Bangalore to Karnataka,Mumbai & Pune to Maharashtra,Delhi as an central economic zone for the neighboring regions in the radius of 200 kms.As far as Chandigarh is concerned it's totally created UT by Govt. of India addressing there finance(Tax Sops) and Economic concerns,Haryana is one of the best example of super beneficiary of Delhi's economic churning and benefiting its strategically proximity,Noida & Ghaziabad also falls in the same line.As far as Sikkim is concerned, without special status category the state's economic base is nowhere.Bihar unfortunately is not gifted with any economic engine which can drive the state economy,Infact the adjoining regions of Bihar have also not made any economic wonders by which Bihar can reap some benefits.Bihar is a state comprising 85 % of rural population so on those grounds also Govt. of Bihar can't generate any demographic dividends.Punjab is a stagnated economy despite of having sleuth of strong economic reforms and conducive economic environment and on the contrary Haryana GDP is still booming because of Delhi's proximity.Finally I am aware Bihar's GDP size is very minimal but whom we can blame ? But if some one is trying to recover in-spite of many odds then definetly deserves applaud.
Yesterday at 9:30pm · LikeUnlike · 4 peopleLoading....

Abhishek Kumar:
No one ever claimed that Bihar has highest GDP, all the claims were on the rate itself, and you also seem to agree that rate-wise, it is the highest state. Ab jo abhi 12 pe hai, wo to filhaal 14, fir 20, fir 30 ka hi sochega na... koi seedha 12 se 70 to nahi pahunchta hai.... raasta sahi hai .. isi pe aage badhte rehna hai to 1 din aapki kitaab me bhi Bihar zaroor number 1 hoga..... agar is dauraan sarkaar kuchh statistics highlight kar ke logo ka manobal badha rahi hai... jiski kamar 15 saalo tak todi gayi hai.... to isme itni buri baat to nahi hai koi....
Yesterday at 11:01pm · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Amitabh Jha:
‎Sumeet Jhaji very well said, very resonable and matured arguments! Blame game is no good, action is required. Of course we must applaud for good work but shortcomings should be escalated too. Otherwise anoher 15 years will be gone and we may have to regret again. We are lagging behind and lot of things need to be at greater pace.

I am not sure how many actually read the full blog post as there i mentioned the good work as well apart from criticising. Its good to see so many comments but probably those comments are either based only on the catchy lines with the link posted or based on the graph. the secret behind the catchy lines is that if you post appreciation everyone will likes it and comments "Jai Bihar, banta Bihar, rising Bihar etc. etc.". If you put negativity it opens the communication channel which unleashes lot of thoughts, views and prospectives. But that quite often backfires too and turns into personal attacks, character assasination or into other bitter form which I have been facing for years. Anna has truely said " "if you are working in the social field you should keep your ego aside and be able to digest insult and humiliation".

Bihar is growing as consumer. All big brands are coming here. But the product/services are manufactured outside and being sold here. Telecom sector has grown, lot of money being spent on highways, overbridges, roads and infrastructure which is good, service delivery has improved (but still not so good). I hope that things will either sustain or improve. On the other hand what good will be roads and infrastructure if there is no electricity? Floods still a problem, electricity still highly inadequate, genuine investors still shying away, precious lands are being allocated to fake investors, investors are being treated as sacrifice goat, corruption rising, newly constructed roads/bridge started to crack, nobody knows what happen to the 16,000 crore illegal withdrawal scam from the government treasury. Millions of us have migrated and helping to grow the GDP of other states by working in factories, construction, companies, entrepreneuship, driving taxis, mopping floors and so on . Significant amount of money is being spent by Bihari guardians to educate their children in other states. How can we stop this?

The real GDP will only improve when our Agriculture and Energy sector grows and subsequently the Industries. For that we need effective solution for flood management and power generation. Challenges are huge and we are decades behind. Achievements like creating IT policy in 7 long years is shameful and should not be accepted. Things need to be done at greater pace.

Again I insist that growth rate is improper attribute to compare the achivements hence the subject of this post is विकास दर एक छलावा.
Blind affection and trust often spoils the kids so Once again I pray to you all, dont be complacent, keep your eyes open and raise alarm if required. निन्दक नियरे राखिये, आँगन कुटी छबाय। बिन पानी साबुन बिना, निरमल करै सुभाय।।
22 hours ago · LikeUnlike · 3 peopleLoading....

Rakesh Kumar:
I think we should concentrate more on the growth rather then fighter each other on inappropriate data.
17 hours ago · LikeUnlike.

Bhartendu Kumar Das:
Criticism is most welcome but it should not be biased and lopsided and to praise one's own self. It should appear more like an argument and less like a slogan. ..
..For example, when we talk about electricity (or the lack of it), we should talk about efforts being made in this direction, new projects, future projections and our preparedness and then, we should clearly write why the present efforts are considered less. One may also share information about gestation period generally involved in electricity projects. Merely saying that 'we lack in electricity' may not add value to our information/ knowledge... Same with other issues raised.
16 hours ago · LikeUnlike · 4 peopleLoading....

Amitabh Jha:
‎Bhartendu Kumar Dasji very well said "Merely saying that 'we lack in electricity' may not add value to our information/ knowledge... Same with other issues raised." please visit the links quoted above on the topic Canal where there is detailed description of our complete proposal is there to check flood and generate electricity. The exagerrated claims by govt makes me nervous as last year also they made some claim about growth which was criticised as even quoted source had denied those facts. This brings embarassment. So we need to be careful. Media takes a peace of information and manipulates in a way which are mislaeading sometimes. Media never quotes the source of the link. We dig the internet to get the exact source and share with public along with our views to make the information more reliable. Again I say unless we wont work on the ideas like canal, IT city the real GDP growth will not happen soon.
15 hours ago · LikeUnlike · 5 peopleLoading....

Madhav Srimohan:
After so many comments above one thing I concluded that everybody mistook Amitabh Jha.
13 hours ago · UnlikeLike · 3 peopleLoading...

Monday, October 3, 2011

Bihar, listen! Slow and steady doesn't win race anymore.

In my post I analysed how Bihar can become a most sought IT investment destination n no time. Unfortunately for Bihar it is still a dream. On the other hand this has been a reality in most part of India since long time.

IT/ITeS/BPO expanding from Madras to Coimbtore, from Bangalore to Mangalore, from Bombay to Pune, Delhi to NCR. Infosys seems to be going to Gujrat instead of Bihar.

West Bengal managed to get Infosys mentor Narayana Murthy as its IT investment mentor.

Bihar took seven long years finally to release its IT Policy which reflects its committment.

Do you think in past 7 years sufficient steps has been taken by the government to attract IT Invstments?

The time is gone when slow and steady used to win the race. Now you have to be swift and smart. Does anbody care?

People are so illusioned by the charisma that if someone try to express his/her views against the wave, he/she face the heat, humiliation, personal attacks, character assasination and so on.

You can read one example in this nice post including comment section on Nitish's inferiority complex here.

Another instance you can read here where I received the heat.

Here are the comments in response to my post Amitabh Jha's Blog: बिहार सुशासन का सच :
Amitabh Jha: पटना ऐसा भी देखा
https://www.facebook.com/media/set/?set=a.10150400726439186.432889.802479185&l=da38692f60&type=1
Amitabh Jha: और ऐसा भी
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10150437085174186&set=a.10150436628599186.441780.802479185&type=1&theater
Amitabh Jha: मीडिया पहली तस्वीर दिखाती है और दूसरी नहीं
Shirish Chandra Mishra: आप अभी बिहार में ही हैं या वापिस लौट आये अमिताभ भाई?
Amitabh Jha: laut gaya bhai
Shirish Chandra Mishra: k, tab theek hai...kyoni ham soch rahe the kahhin apko bhi pakad ke jail me na bhar de :D
Shirish Chandra Mishra: http://www.mediadarbar.com/3057/nitish-baitha/
फेसबुक पर लिखने से घबराई बिहार सरकार: दो कर्मचारियों को किया निलंबित | मीडिया दरबार

Rakesh Kumar Sinha: mere khyaal se hum yehan apna Bihar ki booraiyan ginaane ke liye nahi joode hain...4 weeks ke prawash se kuchh nahi hota amitabh jha ji.jo itne dino se loot rahe the bihar ko unhe aapne kuchh nahi kaha..aur jo ab kuchh karne ki soch rahe ha...in unhe he vikash dar ginaa rahe hai...iska matlab jo growth rate 11.2 (as per various polls, just below gujrat) (if i m not wrong) hasil kiya bihar ne..wo sab galat..kuchh constructive sochiye...ghush aap hi dete ho aur phir koste bhi aap hi ho..what funny??? September 18 at 6:39am · LikeUnlike · 1 personLoading...

Purnendu Singh Kharabiyan: abhi bhi hain, one man at the top cannot change them all alone and our responsibilities will not end by merely voting for him. A more vigilant and honest public is required. Jugaad sanskriti ko khatam karna hoga.

Sudhir Jha: विकास का अर्थ तो सही अर्थों में... समझना ही सबको... अभी बाकी है ! विकास के नाम पर होते हैं सिर्फ छलावे... और जो दीखता है....वो मात्र एक झांकी है !!

Rakesh Kumar Sinha: lo ek aur aa gaye vikash dar ginaane!!!!!

Avinash Kumar: IT IS TRUE THAT THERE ARE A LOT POLOTICS BUT WE ARE ONE.

Amitabh Jha: ‎Rakesh Kumar Sinhaji हम यहाँ बुराई नहीं गिना रहे हैं बल्कि समस्या बता रहे हैं. समस्या को स्वीकार कर उचित कदम उठाने से समस्या दूर होती है न की समस्या को छुपाने से. ४ हफ्ते काफी हो सकते हैं यदि आप समझ पाए, महसूस कर पाए और यदि अपने आँख, कान ब...ंद रखे तो उम्र भर भी नहीं समझ पाएंगे.

क्या आपने पूरा ब्लॉग पढ़ा? जिन्होंने लूटा उनके लिए कटाक्ष है "एक समय था जब बिहार की स्तिथि बद से बदतर होते होते सोमालिया जैसी हो चुकी थी. लोगो ने नितीश को चुना. बिहार की गाड़ी चल पड़ी. हर तरफ विकास दिखने लगा. अगले चुनाव ने नितीश ने आह्वान किया 'निर्माण या विध्वंश, आपके हाथ में है'. जनता ने सर्वमत से निर्माण को चुना."
जो कुछ कर रहे हैं उनके लिए लिखा है "ये अवश्य पाया कि रात के दस बजे भी आप परिवार के साथ सड़क के किनारे किसी जोइंट पर आइसक्रीम का मजा ले सकते हैं. जबतक नितीश से बेहतर विकल्प न हो, मैं भी उन्हें ही वोट देता रहूँगा."
फिर से कहूँगा कृपया विकास दर पर न जाए. यदि सकल घरेलु उत्पाद १०० से बढ़कर ११२ हो जाये तो विकास दर १२% हो ही जायेगा. और यदि सकल घरेलु उत्पाद १००० से बढ़कर १०१२ हो तो विकास दर होगा १.२%.
रचनात्नक सोच किसे कहते हैं आप जाने. मैं बचपन से स्वप्न बिहार चाहता हूँ जहा मेरे बच्चे वो न भोगे जो हमें भुगतना पर रहा है. कोसी के बाढ़ के समय से एक नहर के स्वप्न को देखा है. एक ३५६ किलोमीटर लम्बी नहर (बिहार-नेपाल के सीमा की लम्बाई के बराबर), जो बिहार को नेपाल जनित नदियों के बाढ़ प्रकोप से बचाएगी एवं पनबिजली उत्पादन यंत्रों से प्रचुर मात्रा में बिजली उत्पादित करेगी. इस तरह बिहार में कृषि एवं उद्योग के क्षेत्र में क्रांति होगी. लाखों लोगो को रोजगार मिलेगा, नहर बिहार-नेपाल सीमा को सील कर राष्ट्र की सुरक्षा बढ़ाएगी. हमने ये नहर प्रस्ताव अपने वेबसाइट पर डाला और तब से ये संदेस लोगो तक पंहुचा रहे हैं.
जैसे मीडिया नियंत्रित लगता है वैसा फेसबुक को न होने दे. विचार प्रकट करने का मूलभूत अधिकार का हनन न होने दे.

Amitabh Jha: I will continue to keep writing which i believe is constructive. Time to te I raise question like "Why companies will come to Bihar" http://revive-bihar.blogspot.com/2011/04/why-companies-will-come-to-bihar.html

Amitabh Jha: ‎Rakesh Kumar Sinhaji घूस पर कहना चाहूँगा की सरकारी दफ्तर जा के देख ले बिना कोई परिचय के, लोग नोच खाने को टूटेंगे. राजनीतिज्ञ कहते हैं लोग घोस देते क्यों हैं, हम कहते हैं ऐसा तंत्र क्यों हो है? मेरे पिताजी को रिटायर हुवे ४ साल हो चुके हैं, ...अभी तक पेंसन के लिए चक्कर लगा रहे हैं क्योकि उन्होंने घूस न दिए. आप और हम आम आदमी हैं, कृपया एक दुसरे पर ह्रदय तोड़ने वाले टिपण्णी बांटने के बजाय एक दुसरे को सहारा दे तो ज्यादा अच्छा होगा.

Rakesh Kumar Sinha and Amitabh Jha u wud be feeling very comfortable by showing the pic of a man pissing near Patna Museum entrance. (Patna different colors). what u want to actually show the world. This is what our Bihar is?? Have u forgotten ur moral duties....? have u stopped the man who was making nuisance (Pissing)? aap to photo click karne mein busy the ki isse net pe dalkar naam kamaunga. apne 4 hafte ke pravash mein shaayad kuch issase bhi onchhi pic click karke le gaye ho aap aur jaaiye germany mein appne videshi dosto ke saath baithkar aisi tasveero ka lutf uthaiye and tab shaayad wahan bhi aap bolen ..This is our rising bihar..aakhir aur kya socha jaa sakta hai. aise constructive ideas ke saath...:( September 18 at 11:18am · LikeUnlike · 1 personLoading...

Anil Singh: मै घुस की बात पर ये जानना चाहूँगा की जो आज सेवा निबृत हुवे हैं वे अपने जिंदगी में क्या बोये हैं ! एक कहावत है जैसा रोपोगे वैसा काटोगे ! मुझे आप के पिता से हमदर्दी है ! क्या आप बता सकते हैं की सरकारी दफ्तर में काम करने वाले लोग आज अचानक घु...सखोर हो गए?? मतलब ये पिठियों से दीमक लगा हुवा है !जब हम खुद नौकरी में होते हैं तो केवल घुस पर ही जीवन ब्यातित करना चाहते हैं और जब हाथ से नौकरी चली जाती है तो ऐसे ही पश्चाताप में जलकर कोष्टी हैं भ्रस्त सर्कार और भ्रस्त पदाधिकारी को !!

Anil Singh: आइये जो बीत गया उसपर गौर न करे कल के भविष्य को सुधारे !अपने बच्चो की शिक्षा ऐसी दे की ईमानदारी का बिशाल बने ! हम खुद कसम खाए की न हम घुस देंगे और न लेंगे !!

Rakesh Kumar Sinha: i woudn't be able to reply on all negative comments given against this page. here v at a community page The Rising Bihar..where as i can c people using this forum as a personal grievance cell...creeping about all their personal problems.

Amitabh Jha: घूस के खिलाफ अन्ना के मुहीम के साथ हूँ. http://amitabh-jha.blogspot.com/2011/08/go-ahead-anna-we-are-with-you.html

अपने बच्चो को इमानदारी की शिक्षा देना स्वीकार पर यदि सिस्टम ठीक न हुआ तो कल वो भी भुगतेंगे. खुद को भाग्यशाली महसूस करता हूँ की निजी कंपनी में काम करता हूँ और सफ़ेद कमाता हूँ.
http://amitabh-jha.blogspot.com/2011/06/are-we-bringing-up-chicken.html पे एक प्रश्न है I often ask myself "will our children too have to go through same what we are going through"? Are we bringing them up as chicken for the system so that their blood can be sucked or they can be butchered by the system? One day they will have voting rights to choose a corrupt government, they will live in awful law and order condition and pay income taxes on time when they start earning which will be looted.

Abhishek Gaurav: we need to be strong..yes these r real problem..but it's only us who can make a difference......make public the name of corrupt officers or go to corruption cell....don't complain only...it's time to act...

Avinash Kumar: right we hav not any option

Amitabh Jha: Issues raised here are not personal but related to community. If we close our eyes and years and be complacent, The rise will start towards sunset. Someone has well said "Minds are like parachute. It works well when open". September 18 at 11:50am · LikeUnlike

Abhishek Gaurav: ‎@amitabh..yes i agree u...though nitish gov is better one...yet lot to be done..but one thing is sure if we really want to erase corruption from society changes should be made within ourselves ..without doing our duties we can't expect any change..we have to shut down our "chalta hai attitude"only aware people could make a change... September 18 at 11:57am · LikeUnlike · 1 personLoading...

Rakesh Kumar Sinha: If some one really acts as an eye opener..then why there is no comments on my last but one comment,( only one like of akash singh. ).is there any answer??? r v here only to blame the govt or keep clicking the poor image of bihar and show of...f to those people who really want to ruin us. kitne chatkhare lekar kahte honge naa wo paschimi dost...dekho tumhara bihari bhai kaise khule mein moot raha hai..sorry no more from my side on this.

Abhishek Gaurav: ‎@ rakesh ..u r right..have we ever tried to stop anyone who do such things..no ..it's no point to blame gov....so instead of publishing this photo u should try to stop people who do the such things..comeon we can't look upon gov for everything...we have to do own duties for better democracy ...

Amit Tyagi: Anil Singh जो आज रिटायर हुए हैं, जरूरी नहीं की उनमें से सब अपने कार्यकाल में रिश्वत ही लेते रहे हों, या खुद भी भ्रष्ट रहे हों. ये तो सरेआम सब पर आरोप लगाना हुआ? मेरे पापा को रिटायर हुए साल से ऊपर हो चूका है, बिना रिश्वत के फाइल एक कदम आगे नहीं बढ़ती. यह आज के बिहार की कडवी हकीकत है, विकास की राह पर आगे बढे बिहार में भ्रष्टाचार भी खूब बढ़ा है नो डाउट.

Amitabh Jha मुजियम की चमचमाती फोटो को लोगो ने खूब सराहा. उसके सामने सड़क पर लघुशंका त्याग करते व्यक्ति की फोटो से परहेज क्यों? नगर निगम काम नहीं करती सो कचरा पड़ा है. लोग गरीब है, खुद का शौचालय नहीं है, वैकल्पिक व्यस्था नहीं है तो लोग क्या करेंगे? आम आद...मी को छोड़िये, पुलिस को भी लघु शंका निवारण करते देखा सड़क पर. ये सोचने से कि लोग क्या कहेंगे और लोग खूब चटकारे लेंगे, समस्या को इंगित कर उसके समाधान का प्रयास उचित होगा. बदलाव चाहता हूँ इसलिए लिखता हूँ नहीं तो वीकेंड पर उल्लू कि तरह जाग कर यथार्थ लिखें के बजे चादर तान कर सो सकता हूँ. स्वप्न बिहार के जूनून को त्याग आनंद कि जिंदगी जी सकता हूँ. किन्तु स्वार्थ है कि जो अपने पे बीती है वो बच्चो पर न हो. आँख बंद कर आत्म-मंथन की आवश्यकता है. आप अपने लिए और बच्चों के लिए क्या चाहते है.

Amit Tyagi झा जी, बहुत से लोग नितीश से बहुत ज्यादा उम्मीद करने लगे हैं, अगर नितीश उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे तो उनका दिल टूट जायेगा. दुसरी बात यह की नितीश ने अच्छे कामों की शुरुआत कर दी है, लेकिन मीडिया पर नियंत्रण का उनका कदम उनके लिए जानलेवा साबित होने वाला हो सकता है. लोग यह समझ चुके हैं की मीडिया नितीश की चरण वंदना करने में जुटा है और इसलिए अब लोकतंत्र और मीडिया दोनों की साख पर बट्टा लगना तय है........

Amitabh Jha अन्ना सवाल उठाये तो सरकार उनपे आरोप पर आरोप लगाती है समझ में आता है. पर यदि एक आम आदमी सवाल उठाता है तो लोग उसे घेरने लगते हैं, ये मानसिकता समझ में नहीं आती. वैसे मैं आदि हो चूका हूँ, आठ दस साल पहले रेल यात्रा करते हुवे बेटिकट यात्रियों ने ...मोकामा के पास आरक्षण होते होते हुए भी मुझे जी भर के लतियाया था. अपराध था की ८० वर्ष की दादी के सुविधा के लिए विरोध किया था. पर स्वप्न बिहार का भरोसा कभी नहीं टूटा. तब भी लिखता था, अब भी लिखता हूँ. बहुत लोग पसंद करते हैं बहुत लोग का कटाक्ष सुई की तरह लगता है. कभी कभी मन करता है की मुझे क्या पड़ी है, पर मन को कभी हतोत्साहित नहीं होने देता.

Amitabh Jha http://www.youtube.com/watch?v=RGk7ndNf904 बिहार : जितना बदला, उतना बदलना बाकी Ravish Ki Report: बिहार में चुनावों की तैयारी जोरों पर है। पिछले पांच सालों में ...नीतीश के कामकाज का मूल्यांकन होगा। बिहार बदला है मगर अभी भी बहुत कुछ बदलना बा...

Abhay Kumar behtar vikalp kaun taiyar karega yaha ki janta ke bich se hi vehtar vikalp mil sakta hai otherwise phir wahi hoga jo ho raha hai .Aap ham jab is kam se apne aap ko alag karne pe tule hgue hai to ye lootere behtar vikalp khara hone hi nhi de...nge kiyoki inke pas kuchlne ko sab kuchh hai bolne pe pabandi hai ,yahi bihar ki sachhai hai good governance ke nam par galat ke klhilaf awaj uthane waleo par dher tarike se nitish ji hamle karwane mahir hai aur hamla ho jane ke bad ye janch karwyenge DGP ye Chief secretory se jo inke haant ka khilona hai.

Rakesh Kumar Sinha Amitabh Jha saab bihar ko germany se tulnaa mat kariye..even non of the indian state will compete with any of the developed country..lekin apni nangi sharir ko kisi ko dikhaya jata hai kya..jo kaam aap iss forum mein kar rahein hain bihar k...i bebasi ko dikhane wala wo sahi nahi hai..ye to wohi baat hui ki mere kapde phate hain aur lo dekho mere sharir mein kahan-kahan ubhar hai..dont u feel.when u show your own naked body to the world.?

Amitabh Jha ‎Rakesh Kumar Sinha saab, कुछ लोग सोचते हैं बीमारी छुपाये नहीं बल्कि उसका इलाज करवाए, कुछ लोग लोकलाज के दर से बीमारी छुपाना बेहतर समझते हैं. अपना अपना नजरिया है. आप मेरे निवास स्थान पर न जाये, मेरी जड़े उतनी ही बिहार में हैं जितनी आपकी. जह...ा तक जर्मनी या किसी उन्नत देश की बात है, लोग परवाह नहीं करते. लोक लाज को त्यागे. घाव छुपाने से नासूर बन जाता है. यदि आप मुद्दों पे बहस करे तो मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी. उत्तर दे क्या ५०० रूपये प्रति माह में घर चल सकता है? अपने गावं में पूछिए, गावं का स्कूल कब शुरू था, स्कूल में कितने कमरे हैं और कितने बच्चे. शिक्षा कैसी हो रही है. चिकित्सा का क्या हाल है? बाढ़ का क्या हाल है? कानून व्यस्था एवं मुख्या सड़के अवस्य एक उपलब्धि है इसी लिए कहता हूँ, नीतीशजी से बेहतर विकल्प नहीं है अभी. आप जानने की कोशिश करें रोजगार, खेती का क्या हाल है? शहरों में अपने दोस्तों से पूछे उनके आस पास सड़क, नाले की क्या स्तिथि है, सड़क के लाइट काम कर रहे या नहीं. आप मुद्दों को छोड़, छुपाने को तरजीह दे रहे हैं. सुधार की बहुत गुंजाईश है, हम यही कहना चाहते हैं. समृद्ध बिहार का स्वप्न आपका भी है और मेरा भी और सब लोगो का जो किसी न किसी माध्यम से जुड़े हैं और करोड़ लोग जो फेसबुक पर नहीं हैं उनका भी. सो सत्य जान कर, आवाज उठाये. सपनों को साकार करने की लिए हम नहर के समर्थन में लगे हैं, आप भी सहयोग करें.

Rakesh Kumar Sinha Amitabh Jha saab. i have respect for all the points u have raised...but here my only objection is please and please do not publicise our ghaav or nasoor. hamaari aisi kosis honi chahiye ki hamaara ghaav bhar jaye..govt alone cannot do change the rotten system overnight. we have to support the govt.

Amitabh Jha ‎Rakesh Kumar Sinha saab, thanks for supporting the points raised. I understand your objection but I am kind of guy who speaks out loud when there is a problem. In spite of our different personalities the good thing is our dream is common i.e. "A prosperous Bihar". Keep doing the good work! Time to reinvigorate for the coming week!

Anil Singh झा साहब ,बहुत सही आप ने कहा की बिकल्प न होना ही हमारे विकाश में बाधक है ! पर क्या आप जानते हैं की बगल के पडोसी राज्य झारखण्ड में विकल्प ही विकल्प है ! उसका विकाश क्यों नहीं हो रहा है ! विकाश कोई एक दिन का या PC sarkar के jadu का नाम नह...ीं है !जो छड़ी हिलाते सही रास्ता पकड़ लेगा ! सारे सांप गेदुर मारकर टॉप TO बोटम बैठे हुवे हैं ! धीरे धीरे वो नस्ल ख़तम हो रहा है और विकास का रास्ता प्रसस्थ होता नजर आ रहा है !DHIRAJ RAKHIYE SHAYAD उगता बिहार आने वाले वर्षों में दिख जाये !!

Amitabh Jha Anil Singhji मैं आप के नजरिये से इत्तेफाक रखता हूँ. नितीश सरकार ने कुछ आशाएं जगाई हैं. उधर उनका कदम डगमगा रहा है और इधर हमारा हौसला. आवाज उठा रहा हूँ की सब पटरी पर रहे.